Bihar Teacher News: बिहार के बीपीएससी शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जानें कैसे मिलेगा लाभ

बिहार के शिक्षा विभाग ने बीपीएससी शिक्षकों के लिए बहुत अच्छी खबर दी है। राज्य में अब तक का सबसे बड़ा तबादला अभियान शुरू हो चुका है। अगले 60 दिनों के अंदर करीब 1.70 लाख शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाएगा। विभाग ने यह कदम पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ उठाया है ताकि हर शिक्षक को सही जगह पर काम करने का मौका मिले। तो चलिए दोस्तों, इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बिहार में बीपीएससी शिक्षकों को कैसे फायदा मिलेगा और पूरी प्रक्रिया कैसी होगी।

20 हजार से ज्यादा शिक्षकों का तबादला पूरा

शिक्षा विभाग के मुताबिक अब तक 20,034 शिक्षकों का ट्रांसफर पूरा हो चुका है। यह सारा काम एक विशेष टीम की निगरानी में हो रहा है। टीम में कुल 16 सदस्य शामिल हैं जो सभी दस्तावेजों की सही तरीके से जांच कर रहे हैं। शिक्षकों के सर्टिफिकेट, नियुक्ति पत्र और तबादले के कारणों को गहराई से चेक किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि इस बार पूरा सिस्टम ऑनलाइन रखा गया है ताकि कोई गड़बड़ी न हो।

बीमारी और पारिवारिक मजबूरी वालों को मिल रही प्राथमिकता

सरकार ने तय किया है कि जो शिक्षक बीमार हैं या पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें पहले ट्रांसफर का मौका मिलेगा। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार 760 शिक्षक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। 2,579 शिक्षक अन्य गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। वहीं 9,500 से ज्यादा ऐसे शिक्षक हैं जिनके पति और पत्नी अलग-अलग जिलों में काम कर रहे हैं। खासतौर पर महिला शिक्षकों को उनके पति के जिले में पोस्टिंग देने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इससे शिक्षकों का पारिवारिक जीवन बेहतर होगा और उनका काम पर भी अच्छा असर पड़ेगा।

पटना में ट्रांसफर की मांग सबसे ज्यादा

पटना और आसपास के जिलों जैसे वैशाली, जहानाबाद, अरवल और नालंदा से सबसे ज्यादा ट्रांसफर के आवेदन आ रहे हैं। कुल मिलाकर 40,000 से ज्यादा शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया है। इनमें से करीब 15,000 शिक्षक चाहते हैं कि उनकी पोस्टिंग पटना जिले में हो जाए। लेकिन फिलहाल पटना में पद खाली नहीं हैं। इस वजह से पटना के ट्रांसफर पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। जब खाली पदों की नई लिस्ट आएगी, तभी इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा।

हर शिक्षक को मिला यूनिक कोड

इस बार शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों को एक यूनिक कोड दिया है। इस कोड में शिक्षक का नाम, पता, स्कूल की जानकारी और आवेदन की स्थिति दर्ज है। ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया इसी यूनिक कोड के आधार पर की जा रही है। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी तरह का भेदभाव या गड़बड़ी न हो। हर प्रक्रिया को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा गया है ताकि शिक्षकों को कहीं दौड़ने की जरूरत न पड़े।

पारदर्शिता के साथ हो रहा ट्रांसफर

शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि इस बार का ट्रांसफर पूरी तरह पारदर्शी होगा। हर शिक्षक के दस्तावेजों की गहन जांच हो रही है और पोस्टिंग पूरी तरह मेरिट और नियमों के अनुसार की जा रही है। विभाग ने यह भी कहा है कि शिक्षकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है ताकि उन्हें बेहतर माहौल में काम करने का मौका मिले। ट्रांसफर के बाद अगर किसी शिक्षक को कोई दिक्कत आती है तो उसके लिए अलग से हेल्पलाइन भी शुरू की गई है।

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